जम्मू-कश्मीर के कई बीजेपी नेताओं ने नगरोटा ऐम्युनिशन (गोला-बारूद) डिपो के करीब जमीन खरीदी है। एक कंपनी के जरिए खरीदी गई जमीन को लेकर अब सेना के अधिकारियों की ओर से विरोध जताया जा रहा है। साथ उन्होंने कहा है कि ये जमीन अवैध है। 2014 में निर्मल सिंह ने आयुध डिपो के पास करीब 12 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस पर उन्होंने कंस्ट्रक्शन का काम भी शुरू करा दिया था। लेकिन अब आर्मी के 16 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरनजीत सिंह ने पत्र लिखकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
19 मार्च 2018 को लिखे गए पत्र में सेना ने सीधे निर्मल सिंह के घर को अवैध बताया है और इससे सेना को ख़तरा बताया है। नगरोटा में एक सेना अधिकारी ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल सरंजीत सिंह को सीधे निर्मल सिंह को लिखने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि स्थानीय प्रशासन सेना के निर्माण कार्यों को रोकने के अनुरोधों का जवाब नहीं दे रहा था। इस मामले में निर्मल सिंह का कहना है कि उनके निर्माण का विरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने कहा इस निर्माण के लिए कोई ऐसी कानूनी अड़चन नहीं है जिससे वो निर्माण नहीं कर सकते।
रिपोर्ट के अनुसार यह जमीन हिमगिरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खरीदी गई थी। यह कंपनी साल 2000 में बनी थी जिसके शेयरधारकों में जम्मू-पूंच के सांसद जुगल किशोर और कविंदर गुप्ता शामिल थे। हिमगिरी के पोर्टफोलियो में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक बिजली परियोजना भी शामिल है। संयोग से जब निर्मल सिंह 30 अप्रैल को पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में उपमुख्यमंत्री थे, तब भी वह बिजली मंत्रालय के प्रभारी थे।
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