जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना और पुलिस का आतंकवादियों को पकड़ने और उनके नापका मंसूबों को नाकाम करने का अभियान आए दिन चलता ही रहता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के चेक सादिक इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सुरक्षा बलों ने दो को मार गिराया। आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का शीर्ष आतंकवादी कमांडर भी शामिल था।
सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के बड़गाम जिले में लश्कर ए तैयबा के आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ कर एक स्थानीय आतंकवादी और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार किये गए आतंकी सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों ने लश्कर से संबंध रखने वाले एक स्थानीय आतंकवादी यूनिस मीर को गिरफ्तार किया और उसके पास से हथियार तथा अन्य चीजें बरामद की गईं। प्रवक्ता ने कहा कि मीर बड़गाम जिले के चून क्षेत्र का निवासी है।
सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के बड़गाम जिले में लश्कर ए तैयबा के आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ कर एक स्थानीय आतंकवादी और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार किये गए आतंकी सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों ने लश्कर से संबंध रखने वाले एक स्थानीय आतंकवादी यूनिस मीर को गिरफ्तार किया और उसके पास से हथियार तथा अन्य चीजें बरामद की गईं। प्रवक्ता ने कहा कि मीर बड़गाम जिले के चून क्षेत्र का निवासी है।
उन्होंने कहा कि उसके पास से एक चीनी पिस्तौल, एक मैगजीन और पिस्तौल की आठ गोलियां बरामद की गई। मीर से की गई पूछताछ के आधार पर पुलिस को उसके चार आतंकी साथियों को पकड़ने में सफलता मिली। प्रवक्ता ने कहा, “उनके पास से दो ग्रेनेड, गोलाबारूद और अन्य चीजें बरामद की गईं। उनकी पहचान जहूर गनी, उमर फारूक वानी, फैजान कयूम गनी और शाहनवाज अहमद मीर के रूप में की गई है।”
प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किये गए आतंकवादी और उनके साथी बड़गाम के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकवादियों को हथियार, गोलाबारूद और आश्रय मुहैया कराते थे। उन्होंने कहा, “गिरफ्तार किया गया स्थानीय आतंकवादी और उसके साथी सोशल मीडिया मंचों के जरिये पाकिस्तानी आकाओं के सम्पर्क में थे। इसके अलावा वे कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए तैयबा के स्थानीय कमांडरों के भी लगातार संपर्क में थे।”
