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जम्मू कश्मीर हमेशा केंद्रशासित राज्य नहीं रहेगा, स्थिति सुधरने पर राज्य का दर्जा दिया जायेगा : अमित शाह

शाह ने संवाद करते हुए यह भी कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद ‘‘एक भी गोली नहीं चली और न ही एक भी व्यक्ति की जान गयी।’’

नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय पुलिस सेवा के 2018 बैच के परिवीक्षा अधिकारियों के साथ बात-चीत के दौरान कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा केंद्रशासित प्रदेश नहीं रहेगा, राज्य की स्तिथि में सुधार के बाद प्रदेश को राज्य का दर्जा दे दिया जायेगा। 
शाह ने आगे संवाद करते हुए यह भी कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद ‘‘एक भी गोली नहीं चली और न ही एक भी व्यक्ति की जान गयी।’’ 
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा केंद्रशासित प्रदेश नहीं बना रहेगा और जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तब उसका राज्य का दर्जा लौटा दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि यह धारणा गलत है कि केवल अनुच्छेद 370 से ही कश्मीरी संस्कृति और पहचान की रक्षा हुई क्योंकि सभी क्षेत्रीय पहचानों को भारतीय संविधान में स्वभाविक सुरक्षा प्रदान की गयी है। 
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का दुरूपयोग ही सीमापर आतंकवाद की मूल वजह है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 196 में से केवल दस थाना क्षेत्रों में ही धारा 144 लगी हुई है। 
‘कठोर लेकिन सही फैसले’ करने पर गृहमंत्री ने कहा कि घिर जाने के डर की परवाह किये बगैर लोगों के हित में साहसिक निर्णय लेना जरूरी है और उन्होंने इस संबंध में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 पर लिये गये निर्णय का हवाला दिया। 
असम में अद्यतन की जा रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि सुशासन के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एनआरसी को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की एक राष्ट्रीय पंजी होना बहुत ही आवश्यक है कि विकास के लाभ सभी नागरिकों तक पहुंचे। 
शाह ने आईपीएस परिवीक्षा अधिकारियों को एक ऐसे सेवा का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करने के लिए प्रेरित किया जो लोगों की सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही पुलिस अधिकारियों की छवि जैसी भी पेश की जाती हो लेकिन उसके विपरीत नीचे से लेकर ऊंचे पायदान तक के ये अधिकारी ही हैं जो कानून व्यवस्था बनाए रखने और देश की अंदरूनी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं। 
उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में जनधारणा में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है और उन्होंने युवा परिवीक्षा अधिकारियों ने ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस सुधार के लिए कटिबद्ध है और उन्होंने परिवीक्षा अधिकारियों को अपनी तैनाती के स्थान पर स्थानीय पुलिस के कामकाज में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सुधार के लिए प्रेरित किया। 
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी के पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। 

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