पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल सत्य पाल मलिक को सुरक्षाबलों को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों के परिवारों को प्रताड़ित ना करने के निर्देश जारी करने चाहिए।
महबूबा ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मृतक आतंकवादी के परिवार से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी पुलिस अनुशासित बल है। राज्यपाल को स्पष्ट निर्देश जारी करने चाहिए कि आतंकवादियों के परिवारों को प्रताड़ित ना किया जाए।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों और आम जनता के परिवार शामिल नहीं होने चाहिए। आतंकवादियों के परिवारों को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि पुलिस ऐसा नहीं करना चाहती लेकिन निर्देश कहीं ओर से आ रहे हैं कि आतंकवादियों के परिवारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। आतंकवादियों के भाइयों, बहनों या माता-पिता को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए।’’
महबूबा ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने पुलिस तथा सुरक्षाबलों को निर्देश दिए थे कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों के परिवारों को प्रताड़ित ना किया जाए।
आतंकवादियों के परिवार से यह महबूबा की दूसरी मुलाकात है। इससे पहले उन्होंने पुलवामा जिले में भी ऐसे ही परिवार से मुलाकात की थी।
दूसरी ओर, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘‘बुरी तरह से खराब हुई प्रतिष्ठा को वापस पाने’’ की कोशिश कर रही हैं।
उमर ने टि्वटर पर कहा, ‘‘ऑपरेशन ऑल-आउट और कई अभियानों को शुरू करने वाले अब खराब हुई प्रतिष्ठा को वापस पाने के लिए एक आतंकवादी से दूसरे आतंकवादी के घर जा रहे हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महबूबा ने भाजपा को खुश करने के लिए आतंकवादियों को मारने की मंजूरी दी और अब वह मतदाताओं को रिझाने के लिए मृतक आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रही हैं। वह लोगों को कितनी आसानी से उल्लू बना रही हैं?’’
पीडीपी के पूर्व सहयोगी दल भाजपा ने महबूबा की मुलाकात को ‘‘राजनीतिक हथकंडा’’ बताया और उन्हें हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद 2016 के प्रदर्शन के समय एक संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान की याद दिलाई।
भाजपा नेता अशोक कौल ने कहा, ‘‘वह महबूबा ही थीं जिन्होंने पहले कहा था कि क्या 2016 के प्रदर्शन में मारे गए युवक टॉफी या दूध खरीदने बाहर निकले थे। अब मृतक आतंकवादियों के परिवारों से उनकी मुलाकात राजनीतिक हथकंडा है।’’ सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने पीडीपी प्रमुख के दौरे को राजनीतिक अवसरवादिता करार दिया।