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जम्मू-कश्मीर मुद्दे का हल भारत-पाक के बीच सिर्फ बातचीत से ही सकता है : महबूबा मुफ्ती

पीडपीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि ना तो युद्ध और ना ही बंदूक कोई समाधान है तथा जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि ना तो युद्ध और ना ही बंदूक कोई समाधान है तथा जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है।
महबूबा ने कुपवाड़ा जिले के जिरहामा इलाके का दौरा करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार को वार्ता प्रक्रिया में केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को भी शामिल करना चाहिए। वह शुक्रवार को आतंकवादी हमले में मारे गये एक पुलिसकर्मी के परिवार से मिलने के लिए वहां गई थीं। महबूबा ने वहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में पिछले कई वर्षों में लोगों की जान जाने को लेकर खेद है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत, चीन के साथ बातचीत कर सकता है, तो पाकिस्तान के साथ भी वार्ता की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘चीन हमारे क्षेत्र में घुस गया और हमारे (सेना के) 20 जवानों को मार डाला।
लेकिन, इसे बावजूद भी उसके साथ वार्ता की जा रही है, जो एक अच्छी चीज है। दर्जनों बार वार्ता हुई है और कुछ समाधान देखे जा सकते हैं।’’ पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच जंग का मैदान बन गया है और लोग-पुलिसकर्मी, आम आदमी तथा सुरक्षाकर्मी–दोनों ओर (सीमा के) मारे जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी मुद्दे का समाधान युद्ध नहीं है। बंदूक से कोई मुद्दा नहीं सुलझा है-चाहे वह आतंकवादी हों या सुरक्षा बल। इसलिए, हमें सोचना चाहिए कि दुनिया में जिस तरह कोई भी मुद्दा वार्ता के जरिए सुलझाया जाता है, उसी तरह से पाकिस्तान के साथ भी तथा जम्मू कश्मीर में भी वार्ता करने की जरूरत है।’’
पाकिस्तान के साथ वार्ता पर केंद्र के रुख के बारे मे पूछे जाने पर महबूबा ने कहा कि ऐसा लगता है कि ‘‘वे जम्मू कश्मीर के लोगों के मारे जाने से चिंतित नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब कभी जम्मू कश्मीर में वार्ता हुई या पाकिस्तान के साथ वार्ता हुई, जैसे कि 2003-04 में लाल कृष्ण आडवाणी के उप प्रधानमंत्री रहने के दौरान हुई, (पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज) मुशर्रफ के साथ वार्ता हुई, तब जम्मू कश्मीर में हिंसा में महत्वपूर्ण रूप से कमी आई थी, आतंकवादी घटनाओं में भी कमी आई थी।’’

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