पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राजनीतिक मुख्यधारा के खात्मे के साथ कश्मीर के प्रति केंद्र सरकार का कठोर रुख कट्टरपंथ के लिए उर्वर जमीन तैयार कर रहा है।बता दें कि पार्टी ने आज यहां आरोप लगाया कि इस महीने के अंत में होने वाली जी20 बैठक से पहले सैकड़ कश्मीरी लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। मासिक न्यूजलेटर, स्पीक अप में, पार्टी ने कहा कि जी20 भारत सरकार के लिए कश्मीरियों को ‘परेशान करने और डराने’ का एक और हथियार है।
पुंछ और राजौरी में आतंकवादियों द्वारा मारे गए 10 सैनिक
उन्होंने कहा कि भारत सरकार जी20 बैठक को कश्मीरियों को परेशान करने और डराने के एक और अवसर के रूप में उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा,‘‘ जम्मू-कश्मीर में सब कुछ सामान्य है और फिर भी हमारे लोगों की गिरफ्तारी, छापे, निगरानी और उत्पीड़न में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। शिखर सम्मेलन से पहले सैकड़ कश्मीरी लड़कों, जिनमें से ज्यादातर दक्षिण कश्मीर से हैं, को गिरफ्तार किया गया है।’’ पीडीपी ने कहा कि भारत सरकार पुंछ हमले को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने में विफल रही। एक महीने से भी कम समय में पुंछ और राजौरी में आतंकवादियों द्वारा मारे गए 10 सैनिकों के ताबूतों पर माल्यार्पण किया गया है।
200 से अधिक स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया
पुंछ हमले को रोकने के लिए भारत सरकार न केवल पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने में विफल रही बल्कि उसने इसे एक दुर्घटना बताकर इसे कमतर करने की भी कोशि की। अगर उग्रवादियों ने सार्वजनिक रूप से इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली होती तो सच्चाई कभी सामने नहीं आती।पीडीपी ने कहा,‘‘हमारी राजनीतिक मुख्यधारा के उन्मूलन के साथ-साथ कश्मीर के प्रति भारत सरकार का कठोर दृष्टिकोण कट्टरता के लिए उर्वर आधार पैदा कर रहा है, जहां ‘आजादी’ की भावना पहले से कहीं अधिक मजबूत है। यह कोई रहस्य नहीं है कि भारतीय खुफिया अपनी पकड़ खो रहा है। मामले को और बदतर बनाने के लिए स्थानीय सुरक्षा तंत्र ने पुंछ हमले के लिए संदिग्ध समझे जाने वाले 200 से अधिक स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है।