नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि कश्मीर घाटी में चुनाव कराए जाने की स्थिति नहीं है और जिस तरह से विधायकों की खरीद फरोख्त की अफवाहें और राजनीतिक पार्टियों में जोड़-तोड़ की बातें चल रही हैं ऐसे में विधानसभा को भंग कर देना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने बताया, ‘नेशनल कांफ्रेंस विधानसभा को भंग किए जाने के पक्ष में हैं और यह विधायकों की खरीद फरोख्त, राजनीतिक पार्टियों की जोड़-तोड़ और सरकार बनाने की अफवाहों का सही हल होगा।’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जब भी चुनाव होंगे उनमें हिस्सा लेंगी लेकिन सच्चाई यह है कि जम्मू में चुनावों के लिए हालात कुछ ठीक हो सकते हैं लेकिन कश्मीर घाटी में हालात काफी बदतर है। उन्होंने यह भी कहा ‘हम तत्काल चुनाव कराने की मांग नहीं करते हैं और हमें यह भी पता है कि चुनावों के लायक माहौल बनाने में अभी कुछ समय लगेगा।’
इस तरह की अटकलों पर कि राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बागी विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर सरकार बनाने का प्रयास कर रही है तो उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर भाजपा नेता राम माधव के उस टवीट् का जिक्र करना चाहेंगें जिसमें उन्होंने इस तरह की रिपोर्टों का खंड़न किया था।
उन्होंने भाजपा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राज्य में राज्यपाल शासन लगने के बाद कश्मीर घाटी की स्थिति में सुधार हुआ है। उमर अब्दुल्ला ने कहा’ हो सकता है कि दिल्ली में बैठकर उन्हें यह महसूस होता हो कि घाटी में स्थिति में सुधार हो रहा है लेकिन कश्मीर में बैठकर मैं यह नहीं सोचता हूं।’