लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

इंटरनेट को लेकर न्यायालय की टिप्पणी हमारे लिए खुशखबरी : कश्मीर घाटी के लोग

अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को एक मौलिक अधिकार करार देते हुये जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का आदेश दिया।

कश्मीर में इंटरनेट पर लगी रोक को लेकर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की उस टिप्पणी से घाटी के लोगों को राहत मिली है कि इंटरनेट तक पहुंच लोगों का एक मौलिक अधिकार है। घाटी के कई लोगों ने इसे खुशखबरी बताते हुए उम्मीद जताई है कि जल्द ही इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएंगी। 
पांच महीने पहले पांच अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया, तब से वहां इंटरनेट सेवाओं पर रोक है। उच्च्तम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को एक मौलिक अधिकार करार देते हुये जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का आदेश दिया। 
शहर के लाल चौक इलाके के एक व्यवसायी इश्तियाक अहमद ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी है, एक बड़ी राहत है, क्योंकि इंटरनेट पांच महीनों से निलंबित है। हमें वास्तव में उम्मीद है कि अब जल्द से जल्द सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 
घाटी में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े एक अन्य व्यवसायी उम्मीद कर रहे हैं कि इंटरनेट पर निर्भर व्यवसाय को इससे बहुत बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, “यह उस क्षेत्र को बढ़ावा देगा जो इंटरनेट पर अत्यधिक निर्भर है। इस क्षेत्र में सब कुछ इंटरनेट सेवाओं पर पूरी तरह से निर्भर रहता है।’’ 
शहर के बाहरी इलाके में रहने वाला एक छात्रा आफरीन मुश्ताक ने कहा कि इंटरनेट प्रतिबंध का सबसे अधिक प्रभाव छात्र समुदाय पर पड़ा है और देर से ही सही, शीर्ष अदालत की आलोचना हमारे लिए राहत की बात है। हमारे लिए यह खुले हवा में सांस लेने जैसा है। श्रीनगर के एक पत्रकार ने कहा कि उच्च्तम न्यायालय ने सही कहा है कि इंटरनेट का उपयोग एक मौलिक अधिकार है, जिसे रोका नहीं जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि मीडिया संगठनों के लिए यह सेवाएं बहाल की जाएंगी ताकि वे स्वतंत्र रूप से काम कर सकें। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।