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कोरोना वायरस के कारण कश्मीरी नेता चाहते हैं सभी बंदियों की रिहाई

बुखारी ने जारी एक बयान में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए के निरस्तीकरण को एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। उन्होंने मांग की कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की जेलों के भीतर और बाहर हिरासत में लिए गए सैकड़ों अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर मुक्त किया जाए।

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई का स्वागत किया और मांग की कि कोरोना वायरस (कोविड-19) प्रकोप को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित अन्य सभी राजनीतिक बंदियों को भी जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
बुखारी ने जारी एक बयान में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए के निरस्तीकरण को एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। उन्होंने मांग की कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की जेलों के भीतर और बाहर हिरासत में लिए गए सैकड़ों अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर मुक्त किया जाए। बुखारी ने बताया कि “यह हमारी लगातार मांग रही है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित सभी राजनीतिक कार्यकतार्ओंऔर नेताओं को रिहा किया जाए।”

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अपनी पार्टी नेता ने कहा कि कोविड-19 संकट के कारण तो अब ये रिहाई और भी महत्वपूर्ण हो गई है। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक नेताओं को तत्काल रिहाकर उनके मूल निवास में भेज देना चाहिए। बुखारी ने यह भी कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी उपाय कर रही है और दूसरी तरफ ऐसा लगता है कि राजनीतिक बंदियों और उनके परिवारों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि जो लोग 5 अगस्त, 2019 के बाद हिरासत में लिए गए हैं, वो अपने कई ऐसे परिवार हैं जो 5 अगस्त, 2019 के बाद हिरासत में लिए गए अपने प्रियजनों से मिलने की स्थिति में नहीं हैं। सरकार को सभी राजनीतिक बंदियों को तुरंत रिहा करना चाहिए।

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