लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण के दौरान बृहस्पतिवार को जम्मू में श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के लिए बनाये गये विशेष मतदान केंद्रों में मतदाता सूची में नाम नहीं होने के चलते कई विस्थापित कश्मीरी पंडित अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके।
इससे गुस्साये लोगों ने कई मतदान केंद्रों में प्रशासन और निर्वाचन आयोग के खिलाफ नारेबाजी की।
पिछली बार ‘मानव कवच’ के तौर पर इस्तेमाल किए गए डार इस बार चुनावी ड्यूटी पर
मतदान नहीं कर पाने वाले विस्थापित राधा कृष्ण भट ने कहा, ‘‘हम मतदान केंद्र में वोट डालने आये थे लेकिन हमारा नाम मतदाता सूची से गायब था। यह हमारे मताधिकार का हनन है।’’
भट ने कहा कि उनके परिवार के चार सदस्य मत नहीं डाल सके और आरोप लगाया कि यह विस्थापितों को उनके अधिकार से वंचित करने की साजिश है।
इसी प्रकार मिंटो मावा और उनके परिवार के चार सदस्य बिना मतदान किए वापस चले गये। वे अमीरा कदाल क्षेत्र के रहने वाले हैं।