विदेशों में रह रहे कश्मीरी पंडितों के संगठन ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायसपोरा’ (जीकेपीडी) ने पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा करते हुये बुधवार को कहा कि वह इसके साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने के प्रयास में देश के साथ है। जीकेपीडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वह पुलवामा हमले में शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। उसने कहा कि इस जघन्य अपराध के साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने में देश के दूसरे लोगों के साथ मिलकर प्रयास करने के लिए वह प्रतिबद्ध है।
दस साल पहले गठित यह संगठन विस्थापित कश्मीरी पंडितों की समस्याओं, 30 साल पहले कश्मीर में उनके समुदाय के लोगों की हत्या तथा उनके विस्थापन की जिम्मेदारी तय करने और इतिहास की ‘‘सच्चाई’’ से लोगों को अवगत कराने के लिए 23 फरवरी को एक कान्क्लेव का आयोजन कर रहा है।
जीकेपीडी ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग तथा उससे संबद्ध संस्थानों में आवेदन देकर उनके विस्थापन के मामले पर अंतर्राष्ट्रीय समाधान की माँग करेगा। सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता अब्दुल रहीम राथर, राज्यसभा सांसद और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग, जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स फ्रंट के सज्जाद गनी लोन, जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रवीन्द, रैना और पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी अपने विचार रखेंगे।