दिल्ली कोर्ट ने कश्मीरी अलगावादी शब्बीर शाह की संलिप्ता वाले एक दशक पुराने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किए गए कथित हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी को जांच एजेंसी की अर्जी पर आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश हुए वकील एन के मिथा ने कहा कि वानी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए जिसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट जसजीत कौर ने जांच एजेंसी की याचिका को मंजूरी दे दी। उसे 31 अगस्त तक हिरासत में भेजा गया है।
वानी (36) को हिरासत में लेकर दो हफ्ते तक पूछताछ करने की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया था। कानून के तहत ईडी को किसी आरोपी की अधिकतम इतनी ही अवधि तक हिरासत दी जा सकती है।
उसे यहां की एक सत्र अदालत के गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद छह अगस्त को ईडी ने गिरफ्तार किया था और उसे आठ दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, वानी को श्रीनगर से राज्य पुलिस की सहायता से गिरफ्तार किया गया था और बाद में दिल्ली लाया गया था।
ईडी ने उसे मामले में पेश होने के लिए कई समन जारी किए थे लेकिन वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ। एजेंसी ने शब्बीर शाह को 26 जुलाई को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था।
दोनों के खिलाफ ईडी की कार्वाई अगस्त 2005 के एक मामले में है जिसमें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने वानी को गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर दावा किया था कि उसने सवा दो करोड़ रऊपये शाह को पहुंचाए थे।
वर्ष 2010 में राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने वानी को आतंक विथपोषण के आरोप से मुक्त कर दिया था लेकिन सशस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत शाह और वानी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।