केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र सरकार के पथराव करने वाले कश्मीरी युवाओं के खिलाफ मामले वापस लेने के फैसले का जिक्र करते हुए गुरुवार को कहा कि वह समझ सकते हैं कि बालकों को भ्रमित करना आसान है और कुछ युवाओं को पथराव के लिए गुमराह किया गया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि वह मानते हैं कि बालक चाहे जहां कहीं के भी हों, एक जैसे ही होते हैं और उनसे गलती हो सकती है।
उन्होंने राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान यहां एस के इंडोर स्टेडियम में एक स्पोर्ट्स कान्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा,’ केंद्र सरकार ने पथराव करने वाले गुमराह युवाओं के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया है और वह युवाओं के भविष्य के प्रति चिंतित हैं। हम यह भी मानते हैं कि बालक चाहे जहां कहीं के भी हों, एक जैसे ही होते हैं और उनसे गलती हो सकती है लिहाजा हमने पथराव करने वालों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया है।’
गृह मंत्री ने युवाओं से विनाश की राह नहीं चुनने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे विनाश का रास्ता नहीं चुनें। अगर उन्हें निर्णय लेने का अवसर मिले तो वे सदैव विकास की राह चुनें और हिंसा से बचें। अगर वे विकास की राह चुनते हैं तो दुनिया की कोई ताकत उन्हें जीवन में आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।’
राजनाथ सिंह ने कहा,’ मैंने कश्मीर घाटी की यात्रा कई बार की है लेकिन मेरे जीवन में यह पहली बार है जब मैं यहां इतना विशाल जन समूह देख रहा हूं। स्टेडियम सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ है। मुझे लगता है कि सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए ये बच्चे न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश का भविष्य बदलेंगे।’
उन्होंने कहा कि खेल से ऊर्जा को सही रास्ता प्रदान करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ने में मदद मिलती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए स्पोर्ट्स काउंसिल के सचिव वहीद उल रहमान को बधाई भी दी।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।