जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 राज्यों को दिये गये इस निर्देश का स्वागत किया कि पुलवामा हमले के बाद कश्मीरियों को धमकी, हमले और सामाजिक बहिष्कार की घटनाओं को रोकने के लिए ‘‘तत्काल’’ कार्रवाई की जाए।
राज्यों से जवाब मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ‘‘तत्काल’’ और जरूरी कदम उठाने को कहा है। पीडीपी प्रमुख महबूबा ने ट्विटर पर कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर राहत महसूस की कि यह सुनिश्चित हो कि जम्मू कश्मीर से बाहर मौजूद कश्मीरी छात्रों का उत्पीड़न या सामाजिक बहिष्कार नहीं हो।
माननीय न्यायपालिका ने निर्णायक कदम उठाया लेकिन शर्मनाक है कि अन्य ने आराम से इसे नजरअंदाज कर दिया।’’ नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस कदम के लिए सुप्रीम कोर्ट के आभारी हैं लेकिन यह काम केन्द्र की सरकार को करना चाहिए था।
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘जो काम दिल्ली की निर्वाचित नेतृत्व को करना चाहिए था, उसे करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का आभार। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री इससे इंकार करने में लगे हैं और राज्यपाल धमकियां देने में व्यस्त हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट का कदम उठाने पर धन्यवाद।’’