केंद्र सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए ‘बाहुबल’ के इस्तेमाल की नीति का आरोप लगाते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख़्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि राज्य में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मुफ्ती ने दावा किया कि अनंतनाग जिले में गत गुरुवार को सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से ढेर हुए एक मुस्लिम व्यक्ति के परिजनों से मिलने न देने के लिए उन्हें नजरबंद रखा गया है।
महबूबा ने अपने ट्विटर पर लिखा, ”जम्मू-कश्मीर की स्थिति बद से बदतर होती चली गई है। मेरा डर इस तथ्य से और भी बढ़ गया है कि सुधार के बजाय, भारत सरकार चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए बाहुबल के इस्तेमाल की नीति जारी रखेगी। इसका कारण उत्तर प्रदेश में होने वाला अगला चुनाव है।’’
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उन्होंने आगे लिखा, ”आज एक बार फिर नजरबंद हूं। सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गये निर्दोष नागरिक के परिवार से मिलने जाना चाहती थी। भारत सरकार चाहती है कि हम चुनिंदा हत्याओं की निंदा करें। वे केवल उन मामलों में नाराज होते हैं, जहां नफरत की राजनीति लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए शुरू की जा सकती है।
Under house arrest for the umpteenth time today. Wanted to visit the family of the innocent civilian shot dead by CRPF. GOI wants us to selectively condemn killings. They are outraged only in cases where hate politics can be lapped up to polarise people. https://t.co/EtppAfMbKl
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 9, 2021
परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था। वह उसी दिन मारा गया था, जब शहर के ईदगाह इलाके में आतंकवादियों ने दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। महिला प्राचार्य और शिक्षक की मौत के बाद कश्मीर घाटी में पांच दिनों के भीतर आतंकवादियों द्वारा मारे गए नागरिकों की संख्या सात हो गई, जिनमें से चार अल्पसंख्यक समुदायों से थे।