पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि 2023-24 का आम बजट लोकोन्मुखी नहीं है और इसे कुछ कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट वैसा ही है जैसा पिछले आठ-नौ वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार द्वारा पेश किया गया था।
आम लोगों की कमर तोड़ दी गई
उन्होंने कहा, ‘‘करों में वृद्धि हुई है और कल्याणकारी योजनाओं या सब्सिडी मद में खर्च नहीं किया जा रहा है। करों को अपने करीबी पूंजीपतियों के लिए एकत्र किया जा रहा है। लगाए गए करों से लोगों को लाभ होना चाहिए लेकिन आम लोगों की कमर तोड़ दी गई है। पीडीपी नेता ने कहा, लोगों को लाभ देने के बदले, कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को हटाया जा रहा है। देश में स्थिति ऐसी बन गई है कि जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए थे, वे एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं।
गरीबों की जेब से पैसा निकालकर बड़े कारोबारियों को दिया जाएगा
उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट कुछ कारोबारियों’’ के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, यह बजट भारत के लोगों की खातिर नहीं है, गरीबों की खातिर नहीं है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, यह लोकोन्मुखी बजट नहीं है। कर बढ़ाए गए हैं, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) बढ़ा दिया गया है। गरीबों की जेब से पैसे निकाल कर बड़े व्यापारियों को दिए जाएंगे।