जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को सरकार को इस केंद्र शासित प्रदेश के वन्यक्षेत्रों से गुज्जर-बकरवाल समुदाय के सदस्यों को हटाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि यदि उन्हें परेशान किया गया तो परिणाम खतरनाक होंगे। वह सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में ऊंचे इलाकों में गयीं और लोगों से मिलीं जिनके ‘ढोकों’ (अस्थायी आश्रयों) को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत हटा दिया गया है।
महबूबा ने कहा, ‘‘यह अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अवैध प्रक्रिया का हिस्सा है। गुज्जर, बकरवाल जैसे जो लोग यहां घुमंतू की भांति रहते हैं, जिनके पुरखे सदियों से यहां रहते आए हैं, उन्हें खाली कराया जा रहा है।’’उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने निवासी प्रमाणपत्र में बदलाव किया और वह पूरे देश से लोगों को जम्मू-कश्मीर में लाना और यहां के लोगों को हटाना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बस यहां (कश्मीर में) ही नहीं हो रहा है, बल्कि आप यदि जम्मू में देखें तो आप पाएंगे कि भटिंडी, सुजवान, चट्टा जैसे स्थानों, जहां मुस्लिम जनसंख्या है और गुज्जर एवं बकरवाल इन वनों के असली रक्षक हैं, उन्हें खाली करवाया जा रहा है। वे सर्दियों में कहां जाएंगे? गुज्जर-बकरवाल समुदाय को बहुत निष्ठावन और शांतिप्रिय बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनका उत्पीड़न जारी रहा तो सरकार को खतरनाक परिणाम भुगतने होंगे। महबूबा ने कहा कि केंद्र वन्य अधिनियम को लागू करने में विफल रही जिससे इस समुदाय की रक्षा हो सकती थी।