जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को दिल्ली में एक बैठक करने वाले हैं। इस बैठक के लिए 14 नेताओं को को न्योता दिया जा चुका है। लेकिन अब सूत्रों से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस मीटिंग से दूरी बना सकती हैं हालांकि, आखिरी फैसला पार्टी की मीटिंग में ही लिया जाएगा।
हालांकि, रविवार को पीडीपी की पार्लियामेंट अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की मीटिंग भी होनी है और इसी मीटिंग में तय किया जाएगा कि महबूबा पीएम के साथ होने वाली बैठक में जाएंगी या नहीं। अगर महबूबा मुफ्ती मीटिंग में नहीं जाती हैं तो वो पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को 7 पार्टियों के गठबंधन (गुपकार घोषणा) को रिप्रेजेंट करने के लिए नॉमिनेट कर सकती हैं।
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि वे अपने-अपने दलों के बीच विचार-विमर्श के बाद दिल्ली में इस बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला करेंगे। वहीं, बीजेपी और अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली जम्मू और कश्मीर की अपनी पार्टी ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है। जबकि पांच नेकां, पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआई पार्टी के भीतर विचार-विमर्श के बाद फैसला बताया जाएगा।
केंद्र द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और अगस्त 2019 में केंद्र शासित प्रदेशों में इसके विभाजन की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली बैठक होगी। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भाग ले सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित अन्य राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए बैठक का फैसला लिया गया है।