जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना कर्फ्यू के दौरान पश्चिम एशिया संघर्ष मामले में इस्राइल के विरूद्ध प्रदर्शन को लेकर की गयी लोगों की गिरफ्तारी की रविवार को आलोचना की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ फलस्तीन पर इस्राइल के अत्याचार के विरूद्ध दुनियाभर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन कश्मीर में यह दंडनीय अपराध है जहां एक कलाकार पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और एक उपदेशक को बस फलस्तीनियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया। ’’
People all over the world are protesting against the atrocities committed by Israel on Palestine. But in Kashmir its a punishable offence where an artist is booked under PSA & a preacher is arrested simply for expressing solidarity with Palestinians.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2021
शनिवार को पुलिस ने कर्फ्यू के दौरान फलस्तीन समर्थक प्रदर्शन करने को लेकर श्रीनगर और शोपियां जिलों में 21 लोगों को गिरफ्तार किया। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस केंद्रशासित प्रदेश में कर्फ्यू लगाया गया है।
पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के धार्मिक उपदेशक सरजान बरकाति को भी ईद के दिन कथित रूप से उत्तेजक भाषण देने को लेकर गिरफ्तार किया था। बरकाति ने फलस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। पीडीपी नेता ने आरोप लगाया कि ‘‘कश्मीर एक खुली जेल है’’ और ‘‘यहां किसी के लिए अपने विचार की अभिव्यक्ति की कोई गुंजाइश नहीं है।’’