जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुलस्ड डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि राज्य के दौरे पर आने वाले यूरोपीय संघ की संसद के सदस्यों को स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने का भी मौका मिलना चाहिए। यूरोपीय संसद का एक शिष्टमंडल भारत की यात्रा पर आया हुआ है और वह मंगलवार को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जायेगा।
शिष्टमंडल के सदस्यों ने आज पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी से मुलाकात की। पीडीपी नेता ने इस पर टि्वट किया, ‘‘ आशा है कि उन्हें (शिष्टमंडल के सदस्यों को) लोगों, स्थानीय मीडिया, डाक्टरों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मिलने का भी मौका मिलेगा। ’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ कश्मीर और दुनिया के बीच लोहे का पर्दा उठाये जाने की जरूरत है और भारत सरकार को जम्मू कश्मीर को संकट में धकेलने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। ’’ मोदी सरकार द्वारा गत 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने और राज्य के दो केन्द, शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद किसी विदेशी शिष्टमंडल की वहां की यह पहली यात्रा है।
मोदी ने शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए उम्मीद जतायी कि जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों की उनकी यात्रा सार्थक रहेगी। जम्मू कश्मीर की यात्रा से शिष्टमंडल को लद्दाख सहित समूचे क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जानकारी मिलेगी और इस बारे में उनकी समझ बढेगी। साथ ही शिष्टमंडल को क्षेत्र में विकास तथा शासन के बारे में सही तस्वीर भी देखने का मिलेगी।