तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर जबरदस्त चर्चा है। कोई फैसले का स्वागत कर रहा है तो कोई अभी भी सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा कर रहा है। अब जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक साल तक विरोध झेलने के बाद किसानों की मांग पर सरकार के फैसला बदल लेने से महबूबा को यह भी उम्मीद है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे को बहाल कर सकती है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र कृषि कानूनों की वापसी का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में लिए गए ‘अवैध फैसलों’ में सुधार करेगी।
महबूबा का ट्वीट
Decision to repeal farm laws & an apology is a welcome step, even though it stems from electoral compulsions & fear of drubbing in elections. Ironical that while BJP needs to please people in rest of India for votes,punishing & humiliating Kashmiris satisfies their major votebank
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 19, 2021
महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ”कृषि कानूनों की वापसी का फैसला और माफी स्वागत योग्य कदम है, भले ही यह चुनावी मजबूरियों और चुनावों में हार के डर से उपजा हो। विडंबना यह है कि जहां भाजपा को वोट के लिए शेष भारत में लोगों को खुश करने की जरूरत है, वहीं कश्मीरियों को दंडित और अपमानित करना उनके प्रमुख वोटबैंक को संतुष्ट करता है।”
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख ने आरोप लगाया कि 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से केवल अपने मतदाताओं को खुश करने के लिए लिया था। महबूबा ने लिखा, ”जम्मू-कश्मीर को तोड़ने और शक्तिहीन करने के लिए भारतीय संविधान का अपमान उन्होंने अपने वोटर को खुश करने के लिए लिया था। मुझे उम्मीद है कि वह सुधार करेंगे और अगस्त 2019 में लिए गए अवैध फैसलों को बदलेंगे।’