पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में फर्जी मुठभेड़ में शामिल एक कैप्टन को सैन्य कोर्ट से मिली उम्रकैद की सजा को सोमवार को एक स्वागत कदम बताया। एक जनरल कोर्ट मार्शल ने जुलाई 2020 में शोपियां जिले के अमशीपुरा में एक फर्जी मुठभेड़ में तीन नागरिकों की मौत के मामले में एक कैप्टन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि सैन्य अदालत का फैसला दिल्ली में सैन्य मुख्यालय द्वारा पुष्टि किए जाने के अधीन है। सेना ने जीसीएम के बारे में अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
मुफ्ती ने अपने ट्वीट में क्या कहा
मुफ्ती ने ट्वीट किया, अमशीपुरा फर्जी मुठभेड़ में शामिल कैप्टन के लिए आजीवन कारावास की सजा,ऐसे मामलों में जवाबदेही तय करने की दिशा में एक स्वागत योज्ञ कदम है। आशा है कि ऐसी डरावनी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लावापोरा और हैदरपोरा मुठभेड़ की भी निष्पक्ष जांच की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने क्या लगाए आरोप
सेना ने जुलाई 2020 में कहा था कि शोपियां जिले के अमशीपुरा में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए लेकिन कुछ दिनों बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मारे गए तीनों लोग राजौरी जिले के निवासी और चचेरे भाई थे जो कि मजदूरी करते थे। उनके डीएनए नमूनों से पुष्टि हुई कि वे तीनों वास्तव में राजौरी के निवासी थे। उसके बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया, जिसमें पता चला कि सैनिकों ने सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (अफ्सपा) द्वारा प्राप्त शक्तियों का उल्लंघन किया और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित नियमों का उल्लंघन किया।