पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को सिर्फ उनके उपनाम के कारण केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। मुफ्ती ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के ‘कोर’ मतदाताओं को खुश करने के लिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
Instead of making an example out of a Union Minister’s son accused of killing four farmers, central agencies are after a 23 year old simply because his surname happens to be Khan.Travesty of justice that muslims are targeted to satiate the sadistic wishes of BJPs core vote bank.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2021
खान सरनेम होने की मिल रही सजा
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘चार किसानों की हत्या के आरोपी केन्द्रीय मंत्री के बेटे के मामले में उदाहरण पेश करने के स्थान पर केन्द्रीय एजेंसियां 23 साल के युवक के पीछे पड़ी हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उनका उपनाम खान है। न्यायपालिका का मखौल है कि भाजपा के कोर मतदाताओं को खुश करने के लिहाज से मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।’’
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा का संदर्भ दे रही थीं मुफ्ती
मुफ्ती केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा का संदर्भ दे रही थीं जिन पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों को कुचलने का आरोप है। बता दें कि मुंबई के तट पर एक क्रूज़ पोत से प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किए जाने के मामले में गिरफ्तार अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर एक विशेष अदालत ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) से सोमवार को 13 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा।
आर्यन खान की जमानत याचिका पर एनसीबी से जवाब तलब, 13 अक्टूबर को होगी सुनवाई
विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल राष्ट्रीय स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रहे थे। अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। एनसीबी ने गोवा जा रहे ‘कॉर्डेलिया क्रूज़’ के पोत पर छापेमारी के बाद तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। वह अभी मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह जमानत के लिए मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया था, जिसने कहा था कि उसके पास जमानत आवेदन पर विचार करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि मामले पर विशेष अदालत सुनवाई करेगी।