नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मीरवाइज उमर फारूक की ‘‘नजरबंदी’’ पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की टिप्पणी को लेकर रविवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन की आलोचना की और दावा किया कि उपराज्यपाल कुछ कहते हैं जबकि पुलिस कुछ अलग करती है।
र्मिक-अलगाववादी नेता मीरवाइज को नजरबंद नहीं- उमर अब्दुल्ला
उमर की यह टिप्पणी पत्रकारों को शनिवार को मीरवाइज से उनके निगीन स्थित आवास पर मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद आई है। इससे पहले, उपराज्यपाल ने कहा था कि धार्मिक-अलगाववादी नेता मीरवाइज को नजरबंद नहीं किया गया है। पत्रकारों को मीरवाइज से मिलने या साक्षात्कार करने से रोके जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उमर ने ट्वीट किया, ‘‘उपराज्यपाल कुछ कहते हैं, पुलिस उससे बिल्कुल अलग करती है।’’
सिन्हा ने कहा था कि मीरवाइज नजरबंद नहीं हैं और आजाद हैं।
सिन्हा ने साक्षात्कार में कहा था, ‘‘अगस्त 2019 में भी उनपर पीएसए (लोक सुरक्षा कानून) के तहत मामला दर्ज नहीं हुआ था। अगर आप थोड़ा पीछे जाएंगे तो आपको मालूम होगा कि उनके (मीरवाइज) पिता की दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई थी। उनके अगल-बगल हम पुलिस को रखते हैं ताकि वह सुरक्षित रहें, हमारी ओर से ना वो नजरबंद हैं और ना ही बंद हैं।
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