NC ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया, फारुक अब्दुल्ला ने की अध्यक्षता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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NC ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया, फारुक अब्दुल्ला ने की अध्यक्षता

अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में यहां मंगलवार को हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा, संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए को बहाल करने की मांग समेत कुल सात प्रस्ताव पारित किए।

जम्मू-कश्मीर की बड़ी क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) लगातार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वापिस देने की मांग कर रही है। ऐसे में पार्टी कई बार केंद्र की मोदी सरकार से इस संबंध में बातचीत कर चुकी है, बात नहीं बनी है। ऐसे में नेकां ने पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में यहां मंगलवार को हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा, संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए को बहाल करने की मांग समेत कुल सात प्रस्ताव पारित किए। 
एक दिवसीय सम्मेलन यहां शेर-ए-कश्मीर भवन में हुआ 
बैठक में, ‘दरबार स्थानांतरण’ प्रथा बहाल करने, पर्यटन उद्योग के लिए विशेष पैकेज, युवाओं के लिए रोजगार, जम्मू-कश्मीर में मंडल आयोग की अनुशंसाएं लागू करने, फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और आवश्यक उत्पादों की कीमतें कम करने जैसी मांग भी की गईं। नेकां का केंद्रीय जोन जिसमें जम्मू, सांबा और कठुआ जिले आते हैं, उसका एक दिवसीय सम्मेलन यहां शेर-ए-कश्मीर भवन में हुआ, जिसमें ये प्रस्ताव पारित किए गए। 
पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में तीन क्षेत्रों में अलग भाषाएं और संस्कृति हैं 
पार्टी ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से यहां का सामाजिक ताना-बाना गड़बड़ा गया, अखंडता और मिश्रित संस्कृति भी प्रभावित हुई। पार्टी ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में तीन क्षेत्रों में अलग भाषाएं और संस्कृति हैं, जिन्हें तीनों क्षेत्रों के लोग समानता और शांतिपूर्वक साझा करते हुए उनका आनंद उठाते थे।’’

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नेकां ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए को बहाल करने संबंधी प्रस्ताव यहां के लोगों के ‘‘व्यापक हित’’ में है। इसका उद्देश्य एकता, अखंडता, शांति, प्रगति और लोगों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द कायम करना है। 
जम्मू-कश्मीर के लोगों की भूमि को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ही सुरक्षित रखना आवश्यक है 
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘नौकरियां और जम्मू-कश्मीर के लोगों की भूमि को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ही सुरक्षित रखना आवश्यक है। यह पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति को बहाल करने के जरिए ही संभव है।’’ पिछले वर्ष उप राज्यपाल के तहत प्रशासन द्वारा खत्म कर दी गई ‘दरबार स्थानांतरण’ प्रथा को बहाल करने संबंधी प्रस्ताव भी पारित किया गया। 149 वर्ष पुरानी इस परंपरा के तहत सरकार छह महीने श्रीनगर से और छह महीने जम्मू से संचालित होती थी। 
एक अन्य प्रस्ताव में पर्यटन क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की मांग की गई। पार्टी ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वह पर्यटन उद्योग की शिकायतों का निवारण करेगी। एमएसपी की कानूनी गारंटी देने संबंधी प्रस्ताव में कहा गया कि किसान समुदाय एमएसपी पर कानून पारित कराने के लिए संघर्ष कर रहा है, ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस उनका समर्थन करती है।

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