देश में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए और देश के लिए नापाक इरादें रखने वाले आतंकवादियों के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक काल है, जो हर समय देश को नापाक मंसूबे रखने वाले लोगों से सुरक्षित रखती है। इसी कड़ी में एनआईए की टीम ने रविवार को कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की और आतंकी फंडिंग मामले में एक इस्लामिक मदरसा के अध्यक्ष सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।
भारतीय उपमहाद्वीप में कट्टरपंथ से जुड़े 10 दिन पहले दर्ज मामले के सिलसिले में एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ अनंतनाग और श्रीनगर जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की। सूत्रों ने कहा कि टीम ने श्रीनगर के पुराने शहर नवबाजार इलाके के दलाल मोहल्ला में ‘सिराजुल उलूम’ नाम के एक इस्लामिक मदरसे में छापा मारा और मदरसा के अध्यक्ष अदनान अहमद नदवी को गिरफ्तार करने के अलावा कुछ कार्यालय रिकॉर्ड और एक लैपटॉप भी जब्त किया।
भारतीय उपमहाद्वीप में कट्टरपंथ से जुड़े 10 दिन पहले दर्ज मामले के सिलसिले में एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ अनंतनाग और श्रीनगर जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की। सूत्रों ने कहा कि टीम ने श्रीनगर के पुराने शहर नवबाजार इलाके के दलाल मोहल्ला में ‘सिराजुल उलूम’ नाम के एक इस्लामिक मदरसे में छापा मारा और मदरसा के अध्यक्ष अदनान अहमद नदवी को गिरफ्तार करने के अलावा कुछ कार्यालय रिकॉर्ड और एक लैपटॉप भी जब्त किया।
संस्था उत्तर प्रदेश में एक इस्लामिक मदरसा से संबद्ध है। श्रीनगर में छापेमारी के बाद अनंतनाग जिले के पुशरू, सुनसूमा और अचबल गांवों में भी इसी तरह की छापेमारी की गई। टीमों ने वहां कई लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक जावेद अहमद मीर, एक एमबीए और एक दुकानदार शामिल हैं। इनके अलावा, रेडीमेड गारमेंट की दुकान चला रहे उमर भट, ओवैस अहमद भट, लैब टेकनीशियन तनवीर अहमद भट, दुकानदार और अनंतनाग शहर की जंगलत मंडी का केमिस्ट जीशान अमीन मलिक।
इसके अलावा, एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो, रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से तलाशी अभियान में शामिल थे। एक अधिकारी के अनुसार, मामला ऑनलाइन कट्टरपंथ से संबंधित है और एजेंसी को कट्टरपंथी प्रक्रिया के पीछे कुछ विदेशी आधारित संचालकों की भागीदारी के बारे में इनपुट मिले थे।
छापेमारी सुरक्षा बलों और मामले में शामिल जांच एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिए गए कुछ लोगों से प्राप्त इनपुट पर आधारित थी। यह छापेमारी मोस्ट वांटेड आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे सहित जम्मू-कश्मीर सरकार के 11 कर्मचारियों को आतंकी फंडिंग गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण नौकरी से हटाए जाने के एक दिन बाद की गई।
इसके अलावा, एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो, रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से तलाशी अभियान में शामिल थे। एक अधिकारी के अनुसार, मामला ऑनलाइन कट्टरपंथ से संबंधित है और एजेंसी को कट्टरपंथी प्रक्रिया के पीछे कुछ विदेशी आधारित संचालकों की भागीदारी के बारे में इनपुट मिले थे।
छापेमारी सुरक्षा बलों और मामले में शामिल जांच एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिए गए कुछ लोगों से प्राप्त इनपुट पर आधारित थी। यह छापेमारी मोस्ट वांटेड आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे सहित जम्मू-कश्मीर सरकार के 11 कर्मचारियों को आतंकी फंडिंग गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण नौकरी से हटाए जाने के एक दिन बाद की गई।