सितंबर 2016 में हुए उरी आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए सेना ने पाकिस्तान में घुसकर उसकी कई चौकियों को तबाह कर दिया था. इस सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा उस समय के डीजीएमओ ले.जनरल रणबीर सिंह ने ही की थी। अब उन्होने भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण कमान उत्तरी कमान संभाल ली है जिसमें जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का खात्मा भी शामिल है। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु के स्थान पर नियुक्त हुए हैं जिन्हें थल सेना का उपप्रमुख नियुक्त किया गया है।
सेना की नौ डोगरा के लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह अब उत्तरी कमान के नए कमांडर के तौर पर खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कमान संभालेंगे। 2016 में पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की मीडिया को जानकारी जनरल रणबीर सिंह ने ही दी थी जिसके बाद मीडिया में डीजीएमओ के तौर पर उनकी काफी चर्चा हुई।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक 23 मई को ले जनरल अंबु को उप सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही ऐसी खबर आ रही थी कि अंबु की जगह ले. जनरल रणबीर सिंह को नियुक्ति किया जाएगा। बता दें कि आगामी एक जून को ले. जनरल अंबु से जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ का पदभार ग्रहण करेंगे। ले. जनरल अंबु ने देश केी सबसे महत्वपूर्ण कमान के कमांडर का पदभार दिसंबर 2016 में संभाला था। वह आगामी 31 मद को ले जनरल शरत चंद के स्थान पर उप सेना प्रमुख का पदभार संभालेंगे। ले. जनरल चंद उसी दिन रिटायर होने वाले है।
जब रणबीर सिंह बहुत छोटे थे तभी उनके पिता का साया उनके सिर से उठ गया था। बचपन से ही उनका सपना सेना में जाने का था। उनके चाचा मनमोहन सिंह ने उनका लालन-पालन किया जो कि भारतीय सेना में कर्नल थे। जालंधर में पैदा हुए रणबीर सिंह ने ने प्रारंभिक शिक्षा कपूरथला के सैनिक स्कूल की। उसके बाद 1980 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के लिए चुने गए। उनकी पहली पोस्टिंग 9 डोगरा रेजीमेंट में हुई।
डीजीएमओ के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह को प्रमोशन देकर स्ट्राइक 1 कोर का कमांडर बनाया था। सेना की स्ट्राइक 1 कोर देश के तीन हमलावर बलों में से एक है जिसका मुख्यालय मथुरा में है। सेना की यह कोर शॉर्ट नोटिस पर भी पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमला करने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
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