जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके पिता की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के आदेश को निराधार करार दिया और आश्चर्य जताया कि पैतृक संपत्ति को अपराध से हासिल संपत्ति के रूप में कैसे देखा जा सकता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, ‘‘उनके पिता फारूक अब्दुल्ला इसको लेकर अपने वकीलों के संपर्क में हैं और इन सभी निराधार आरोपों से अदालत में लड़ेंगे।’’
My father has seen the media reports regarding attachment of his properties in the ongoing investigation in to the JKCA matter. Not surprisingly the media was tipped off regarding the seizure before he had received any official notice or documentation.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 19, 2020
उन्होंने कहा कि सभी को लगता है कि वह निर्दोष हैं और मीडिया की अदालत या भाजपा के प्रबंधित सोशल मीडिया की अदालत के विपरीत वह निष्पक्ष जांच के हकदार हैं। उमर ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में से अधिकतर 1970 के दशक के हैं, जिनमें सबसे हालिया निर्मित एक इमारत 2003 से पहले की है।
उन्होंने कहा, कुर्की को सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि उनके पिता को मीडिया के माध्यम से जेकेसीए मामले में चल रही जांच में उनकी संपत्तियों की कुर्की के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, कितने आश्चर्य की बात है कि उनके पिता को कोई आधिकारिक नोटिस या दस्तावेज मिलने से पहले ही मीडिया को जब्ती के बारे में बता दिया गया।