गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है, और ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती। वहीं जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती पर उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए है।
मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी कहा कि केंद्रीय बलों की 100 कंपनियों (10,000 सैनिकों) को एक हफ्ते पहले यहां तैनात करने का आदेश दिया गया था और वे अपने-अपने गंतव्यों पर पहुंचने की प्रक्रिया में हैं। इस आदेश से स्पष्ट तौर पर अतिरिक्त बलों की तैनाती की अटकलें तेज हो गई थी।’
सूत्रों ने कहा, “आंतरिक सुरक्षा स्थिति, प्रक्षिक्षण की आवश्यकताओं, आराम एवं स्वस्थ हो जाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती में फेरबदल की जरूरत, केंद्रीय बलों की तैनाती एवं वापसी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।”
What “on going situation” in Kashmir would require the army AND the Air Force to be put on alert? This isn’t about 35A or delimitation. This sort of alert, if actually issued, would be about something very different. https://t.co/FTYG36F6aD
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 2, 2019
उन्होंने कहा कि तैनाती और किसी खास क्षेत्र में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की गतिविधि के ब्योरे पर सार्वजनिक तौर पर कभी भी चर्चा नहीं की जाती। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर क्यों रखा गया। क्या यह 35ए या परिसीमन को लेकर हो रहा है। इस तरह का अलर्ट अगर जारी किया गया है तो यह बहुत कुछ अलग है।’