केंद्र द्वारा कृषि कानूनों को रद्द करने फैसले पर विपक्षी नेताओं की तरह नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उमर अब्दुल्ला ने अगर किसी को भी लगता है कि सरकार ने कृषि कानूनों को बड़प्पन दिखाते हुए निरस्त किया तो यह उसकी गलतफहमी है। बीजेपी सरकार ‘अपने लिए हालात बिगड़ते देख’ प्रतिक्रिया देती है।
उन्होंने ट्वीट किया, “किसी को भी अगर यह लगता है कि सरकार ने बड़प्पन दिखाते हुए कृषि कानूनों को रद्द किया है तो यह उसकी गलतफहमी है। यह सरकार केवल अपने खिलाफ स्थिति जाते देख प्रतिक्रिया देती है – उपचुनावों में मिले झटके के बाद जैसे ईंधन के दाम कर दिए गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी गणित गड़बड़ाने के साथ ही कृषि कानून निरस्त कर दिए गए।”
Anyone who believes the government repealed the #FarmLaws out of the goodness of its heart is completely mistaken. This government only responds to cold hard numbers – bypoll setback = fuel price reduction. Poor internal polls numbers for Western UP & Punjab = #Farmlawsrepealed
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 19, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में किसान पिछले साल से इन विवादस्पद कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।