जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल और प्रशासन शोपियां में नेशनल कांफ्रेस के नेताओं की खरीद फरोख्त और दलबदल की सुविधा के लिए पार्टी नेताओं को हिरासत में रख रहा है। अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन नेताओं की खरीद-फरोख्त दल बदल को बढ़ावा दे रहे हैं। ये दल सीटें नहीं जीत सकते इसलिए अब वे बहुमत के लिए पैसे, बाहुबलियों और सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शोपियां जिले में हमारे नेताओं को पुलिस द्वारा ‘निवारक गिरफ्तारी’ में क्यों रखा गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन खरीद फरोख्त और दलबदल को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां एक महिला उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बी-टीम में शामिल हो गयी जिसे नेकां का जनादेश मिला था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी और उनकी कठपुतलियों के साथ मिलकर पक्षपातपूर्ण राजनीति खेलने के लिए इस प्रशासन पर शर्म आती है। ये दल सीटें नहीं जीत सकते थे इसलिए अब वे बहुमत के लिए धन / बाहुबल / धमकी तथा सरकारी दबाव का उपयोग कर रहे हैं।’’ उन्होंने नेकां के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीतने वाली महिला यास्मीन जान की तस्वीर भी पोस्ट की जो बाद में सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी में शामिल हो गई।
उन्होंने कहा कि हमने चुनाव के बाद नहीं, चुनाव से पहले गठबंधन बनाया था। लोगों ने हमें ज्वाइंट वोट दिया। भाजपा का वोट शेयर हमारे मुकाबले ज़्यादा है, जिसकी एक वजह है उन्होंने हमसे ज्यादा सीटें लड़ीं। सबसे ज्यादा सीटें पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन को मिली हैं।
उन्होंने कहा कि “हुकूमत के कुछ अफसरों ने नतीजे निकले के बाद गिरफ़्तारियां, धमकियां शुरू की हैं। मकसद सिर्फ यही है कि कश्मीर प्रोविज़न के जिन ज़िलों में रिजल्ट को तबदील कर सकते हैं और DDC चेयरमैन गुपकार अलायंस को छोड़कर दूसरी पार्टी का बना सकते हैं, वहां जोर-शोर से ये काम चल रहा है।”