जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि वह उन्हें 18 साल पहले आवंटित किए गए सरकारी आवास को वह स्वेच्छा से खाली कर रहे हैं और केन्द्र शासित प्रदेश में नियमों में बदलाव के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है।
उमर को 2002 में उच्च सुरक्षा वाले गुपकर इलाके में सरकारी आवास दिया गया था, जब वह लोकसभा के सदस्य थे।अब्दुल्ला ने ट्विटर पर उनके द्वारा इस साल जुलाई में लिखे पत्र को साझा किया। उन्होंने संबंधित प्रशासनिक सचिव को गुपकर इलाके स्थित आवास खाली करने के उनके निर्णय के बारे में बता दिया है। यह बंगला उन्हें 2002 में लोकसभा का सांसद चुने जाने और उसके बाद पूर्ववर्ती राज्य का 2009 से 2015 तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान आवंटित किया गया था।
My letter to the J&K administration. I will be vacating my government accommodation in Srinagar before the end of October. The point to note is that contrary to stories planted in the media last year I received no notice to vacate & have chosen to do so of my own accord. pic.twitter.com/dWjDacVoHn
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 9, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को मेरा पत्र। मैं अक्टूबर अंत से पहले श्रीनगर में अपने सरकारी आवास को खाली कर दूंगा। मीडिया में पिछले साल इसके विपरीत खबरें चलाई गईं थी … मुझे आवास खाली करने के लिए कोई नोटिस नहीं मिला है और मैं अपनी मर्जी से इसे खाली कर रहा हूं।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि वह किसी उचित आवास की तलाश कर रहे हैं और कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परेशानियों के चलते इसमें आठ से 10 सप्ताह का समय लग सकता है। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने कभी किसी सरकारी सम्पत्ति पर बिना किसी अधिकार के हक नहीं जताया और ‘‘ मेरा अब ऐसा कुछ करने का कोई इरादा भी नहीं है।’’ जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके अब्दुल्ला जम्मू या श्रीनगर में सरकारी आवास के हकदार थे लेकिन प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में नियमों में बदलाव कर दिया था ।