नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से फैले ‘‘फर्जी आदेशों’’ के सिलसिले में सीबीआई जांच की मांग की है। इस फर्जी आदेश से केन्द्र सरकार के संविधान की धारा-35ए खत्म करने की अटकलें तेज हो गई, जो राज्य में जम्मू-कश्मीर के लोगों को निवास और नौकरियों के विशेष अधिकार देता है।
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘राज्यपाल द्वारा उठाया गया यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित फर्जी आदेश फैले हैं। इसे महज कुछ कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। सीबीआई से इस फर्जी आदेश और उसके मूल की जांच करने को कहा जाना चाहिए।’’
This is a very serious matter raised by the Governor. Fake orders were circulated under the signature of senior government officers. This is not something that can be dismissed with a simple sound byte.The CBI must be asked to investigate these fake orders & their origin. https://t.co/NhnC9xxeSg
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 30, 2019
राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सोशल मीडिया पर फैले आदेशों को नकली बताने के बाद उनका यह बयान आया है। कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था के संबंध में सोशल मीडिया पर कई आदेश दिखने के बारे में पूछने पर राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘‘यहां काफी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उन पर ध्यान नहीं दें। सब कुछ ठीक है, सब कुछ सामान्य है।’’
मलिक ने कहा कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दिख रहे आदेश वैध नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी आदेश वैध नहीं है। लाल चौक पर अगर कोई छींकता भी है तो राज्यपाल भवन तक पहुंचते- पहुंचते इसे बम विस्फोट बता दिया जाता है।’’ घाटी में केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां भेजे जाने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद से घाटी में अफवाहों का बाजार गर्म है।
इस तरह की अफवाह है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35-ए को वापस ले सकती है जो राज्य के लोगों के विशेष निवास और नौकरी के अधिकारों से जुड़ा हुआ है। पिछले तीन दिनों से राज्य सरकार के अधिकारियों और केंद्र सरकार के कुछ विभागों की तरफ से जारी कई आदेशों से आशंकाएं जताई जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा निर्णय होने वाला है।
रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जहां अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका के मद्देनजर चार महीने के लिए राशन जमा कर लें वहीं श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्रों में सभी मस्जिदों और उनकी प्रबंधन समितियों का ब्यौरा इकट्ठा करने और इसे तुरंत सौंपने का निर्देश दिया ताकि उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जा सके।
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी का जहां सोमवार को तबादला कर दिया गया वहीं एसएसपी ने कहा कि मस्जिदों के बारे में सूचना इकट्ठा करना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।