जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों की मौत को लेकर कहा है कि इनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को अहम कदम उठाने चाहिए। हालांकि, इन अल्पसंख्यकों का जीवन कश्मीर में सेना ओर पुलिस के बल पर शांति बहाल नहीं हो सकती हैं। कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए तमाम राजनीतिक दलो से बात कर घाटी को इस हालात से बाहर लाना होगा। फारुक अब्दुल्ला ने पंडितों की हत्या को लेकर मोदी सरकार से आग्रह किया कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के साथ- साथ सरकार को अमरनाथ यात्रा के बारे में भी गहन चिंतन करने की आवश्यकता हैं। कुछ राजनीतिक विचारों का मानना है कि यदि विशाल अमरनाथ यात्रा के दौरान इसमें कुछ आतंकी घटना हो जाती है तो इसका खामियाजा न सिर्फ जम्मू कश्मीर को बल्कि पूरे देश में इसका असर पड़ सकता हैं।
अब्दुल्ला बोले- कश्मीर की हालात काफी चिंताजनक है
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के हालात काफी चिंताजनक हैं। एक दशक से कश्मीर में तैनात शिक्षक रजनी बाला को शहीद कर दिया गया। यहां हिंदू भी मारे जा रहे हैं और मुस्लिम भी निशाना बनाए गए हैं। यह दर्शाता है कश्मीर में हालात कैसे हैं। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा को लेकर संकट की स्थिति है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार तमाम सियासी दलों को बुलाए। हालात से निपटने के लिए ऐसा रास्ता खोजे, जो कारगर हो। लोगों के दिल जीतने से बात बनेगी।
घाटी की सुरक्षा को लेकर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने खीर भवानी यात्रा को लेकर एक सवाल उठाया कि केंद्र सरकार को पहले इसकी सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम करने चाहिए । मिली जानकारी के मुताबिक इस जगह पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई हैं। हालांकि, जम्मू से स्थानीए लोग घाटी में पढ़ने के लिए गांवों में आते है तो इनकी किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं दी जाती हैं।