पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में उरी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर के बीच कई स्थानों पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया जिससे 3 सुरक्षाकर्मियों सहित 7 लोगों की मौत हो गई।अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार दागे और अन्य हथियारों से गोलाबारी की। उरी के नंबला में पाकिस्तानी गोलीबारी में सेना के 2 जवान शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि हाजी पीर सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक सब-इंस्पेक्टर भी शहीद हो गए जबकि एक जवान घायल हो गया।
अधिकारियों के मुताबिक बारामूला जिले के उरी क्षेत्र में कमलकोट सेक्टर में 2 नागरिकों की मौत हो गई वहीं हाजी पीर सेक्टर के बालकोट क्षेत्र में एक महिला की मौत हो गई। इन घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं। उरी में विभिन्न स्थानों के अलावा बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भी संघर्ष विराम के उल्लंघन की सूचना मिली है। एक रक्षा प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सेना ने घुसपैठ की एक कोशिश को विफल कर दिया। केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम का उल्लंघन कर घुसपैठ के लिए मदद की जा रही थी।
श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, ‘‘केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर आज हमारे सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधियां देखीं। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर दिया।’’उन्होंने कहा कि घुसपैठ के प्रयास के साथ ही पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम का उल्लंघन शुरू किया। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि बारामूला में नियंत्रण रेखा पर बल की आर्टिलरी बैटरी में तैनात उप निरीक्षक (एसआई) राकेश डोभाल अपराह्न 1 बजकर करीब 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि उसी अग्रिम चौकी पर तैनात कांस्टेबल वसु राजा गोलाबारी में घायल हो गए। उनके हाथ और गाल पर जख्म है। कांस्टेबल वसु राजा की हालत स्थिर है। अधिकारियों ने कहा, “उप निरीक्षक ने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने दुश्मन की ओर से भारी गोलीबारी का सामना किया। डोभाल उत्तराखंड में ऋषिकेश के निवासी थे और वह 2004 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे।” डोभाल के परिवार में उनके पिता, पत्नी और 9 साल की एक पुत्री है।
कर्नल कालिया ने कहा, ‘‘उन्होंने मोर्टार और अन्य हथियारों से गोले दागे। इसका उचित जवाब दिया जा रहा है।’’एक सप्ताह के भीतर यह घुसपैठ की दूसरी कोशिश थी। इससे पहले 7- 8 नवंबर की मध्यरात्रि माछिल सेक्टर में घुसपैठ का असफल प्रयास किया गया था जिसमें 3 आतंकवादी मारे गए थे। उस अभियान में सेना के 1 कैप्टन और बीएसएफ के 1 जवान सहित 3 सैनिक शहीद हो गए थे। प्रवक्ता ने कहा, भारत की सेना पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के सभी प्रयासों को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।