पीडीपी (People’s Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ‘दरबार परिवर्तन’ को बंद करने को शनिवार को ‘असंवेदनशील निर्णय’ करार दिया और कहा कि गर्मियों एवं सर्दियों में कार्यालय को इधर-उधर करने के सामाजिक एवं आर्थिक फायदे उस पर आने वाले खर्च से अधिक हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दरबार परिवर्तन बंद करने का भारत सरकार का हाल का निर्णय छोटे विषयों में अतिसावधानी एवं बड़े विषयों में लापरवाही जैसा है। गर्मियों एवं सर्दियों में कार्यालय को इधर-उधर करने के सामाजिक एवं आर्थिक फायदे उस पर आने वाले खर्च से अधिक हैं।
इससे बिल्कुल स्पष्ट है कि ऐसे असंवेदनशील फैसले ऐसे लोगों ने लिये हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर के कल्याण की फिक्र नहीं है।’’ जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पिछले महीने घोषण की थी कि उसने ई-कार्यालय को पूरी तरह अपना लिया है और साल में दो बार होने वाले दरबार परिवर्तन पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है।
दरबार परिवर्तन के तहत प्रशासन छह महीने जम्मू से और छह महीने श्रीनगर से चलता है और यह प्रथा 1872 में महाराजा गुलाब सिंह ने इन दोनों क्षेत्रों की अतिप्रतिकूल मौसम से बचने के लिए शुरू की थी।