पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गुरुवार को कहा कि विभिन्न देशों के दूतों का जम्मू-कश्मीर दौरा घाटी में सरकार द्वारा किए गए बंद को सामान्य दिखाने का प्रयास है। पीडीपी ने केंद्र को चुनौती दी कि वह दूतों को हिरासत में रखे गए राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करने की इजाजत दे।
पीडीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘आज प्रधानमंत्री कार्यालय दूतों के दूसरे जत्थे को कश्मीर में हालात ‘दिखाने’ लाया, यह सरकार द्वारा किए गए बंद को सामान्य दिखाने का प्रयास लगता है। प्रधानमंत्री कार्यालय को चुनौती देते हैं कि क्या वे इन विदेशी दूतों को 160 दिन से जेल में बंद राजनीतिक बंदियों से मुलाकात करने देंगे?’’
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 16 देशों के दूत मौजूदा स्थिति का मुआयना करने गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे। यह दौरा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को गलत साबित करने की सरकार के कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा है। राजनयिकों ने यहां पहुंचते ही पीडीपी के नेता सैयद अल्ताफ बुखारी समेत कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की।
पीडीपी ने उपराज्यपाल जी.सी.मुर्मू से इस हफ्ते बुखारी के नेतृत्व में पार्टी से अलग हो चुके नेताओं की मुलाकात के बारे में टिप्पणी की। उसने कहा, ‘‘सरकार ने उन लोगों को जेल में डाला जिन्होंने लोकतंत्र के काम किया और उन कठपुतलियों को ले आई जो बेहद सस्ते में बिकने को तैयार हैं।’’ उसने कहा, ‘‘सरकार को समझना चाहिए कि जो वास्तव में कश्मीर की मिट्टी से प्रेम करते हैं वह बिकाऊ नहीं हैं।’’