पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की एक टीम अगले महीने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की यात्रा पर जाएगी और दो नवगठित केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को अंतिम रूप देगी। पटेल ने कहा कि वह पहले ही केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के दो अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भेज चुके हैं जो उनके वहां पहुंचने से पहले एक ‘एडवांस टीम ’ की तरह काम करेंगे।
पटेल सितंबर के पहले सप्ताह में स्थिति का जायजा लेने के लिए लद्दाख और जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे। उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘ मैं चिह्नित पर्यटन स्थलों और उनकी समीक्षा करने के लिए पहले लेह जाऊंगा और उसके बाद जम्मू-कश्मीर जाऊंगा। हमें गाइडों को कौशल प्रशिक्षण देने और उन्हें अलग-अलग भाषाओं से परिचित कराने की जरूरत है। हम इसे अगले दो महीने में करने की योजना बना रहे हैं।’’
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केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ रूस की यात्रा पर जाने से पहले तक इन टीमों का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि ई-वीजा और विदेशी पर्यटकों के लिए पहाड़ों की 137 चोटियां खोलने से इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और इससे राज्य में राजस्व के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इन 137 चोटियों में से 15 जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में हैं।
पटेल ने दोनों केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी योजना में चार मुख्य बिंदु सूचीबद्ध किए हैं। ये बिंदु गाइडों को प्रशिक्षण देना, लोगों को ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के बारे में जागरूक करना, होटलों की कमी वाली जगहों पर लोगों को अपने घरों के दरवाजे अतिथियों के लिए खोलने को लेकर जागरूक करना और इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण देना तथा रोमांचक खेलों को बढ़ावा देना आदि हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें लोगों की सोच बदलने की जरूरत है जैसा कि हम पूर्वोत्तर में करने में कामयाब रहे। हमें लोगों को यह बताने की जरूरत है कि क्षेत्र में सुरक्षा का कोई मुद्दा नहीं है और वहां यात्रा करना सुरक्षित है।’’ प्रहलाद पटेल ने कहा, ‘‘ इन स्थानों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हमारे पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, हमें इन स्थानों के आस-पास सुविधाओं का निर्माण करना है। हमें स्थानों की पहचान करके बुनियादी ढांचा बनाना होगा।’’