जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद अविभाजित जम्मू-कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन गुरुवार को हटा दिया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के रूप में आज यानी गुरुवार से अस्तित्व में आए हैं।
आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है,‘‘संविधान के अनुच्छेद 356 की धारा 2,के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मैं, रामनाथ कोविंद, भारत का राष्ट्रपति, मेरे द्वारा 19 दिसंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में जारी की गई अपनी उद्घोषणा को रद्द करता हूं।’’
इससे पहले राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद जून 2017 में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था और राज्यपाल शासन के छह महीने बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के गठन के बाद गुरुवार को राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की गई।
संविधान का अनुच्छेद 356, जिसके तहत राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, केंद्र शासित क्षेत्रों पर लागू नहीं होता।वहीं राधा कृष्ण माथुर ने गुरुवार सुबह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह तिसूरू लेह स्थित सिंधु संस्कृति ऑडिटोरियम में सुबह 7.30 बजे हुआ। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने एक सादा समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।