जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार आधी रात से राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सिफारिश पर इस बाबत एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कोविंद ने राज्य के राज्यपाल की एक रपट पर मंत्रालय की तरफ से भेजे गए एक प्रस्ताव के आधार पर घोषणा-पत्र पर हस्तार कर दिए हैं। इस वर्ष जून में राज्य में लागू राज्यपाल शासन की अवधि बुधवार को समाप्त हो गई।
जम्मू कश्मीर के नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों ने PM मोदी से की भेंट
इस साल जून में राज्य में उस समय राजनीतिक संकट पैदा हो गया था, जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से भाजपा अलग हो गई थी। पिछले महीने मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था, जिसे निलंबित अवस्था में रखा गया था।
जम्मू एवं कश्मीर संविधान के प्रावधानों के तहत राष्ट्रपति की सहमति से राज्यपाल शासन छह महीने के लिए लगाया जा सकता है। संविधान में जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष दर्जा दिया गया है।
फारूक का कश्मीर में जल्द चुनाव पर जोर
वही , जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने पर जोर दिया।
अब्दुल्ला ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘राज्यपाल शासन या राष्ट्रपति शासन का अंत होना चाहिए।’इस मौके पर पीडीपी से निकाले गए दो वरिष्ठ नेता बशरत बुखारी व पीर मोहम्मद हुसैन नेशनल कांफ्रेंस में शामिल हुए।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘चुनाव कराए जाने चाहिए ताकि लोग कार्य करने वाले अपने प्रतिनिधियों को चुन सकें।’ राज्य में छह महीने लंबे राज्यपाल शासन के समाप्त होने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर अब्दुल्ला ने राज्य में जल्द चुनाव कराने का समर्थन किया।
देश में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के बारे में एनसी प्रमुख ने कहा, ‘गठबंधन ज्यादातर राज्यों में होंगे और ये राज्य संसद के लिए परिणाम देंगे।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ जगहों पर मजबूत गठबंधन होंगे और दूसरी जगहों पर मिला-जुला गठबंधन होगा, लेकिन राज्य प्रमुख कारक होंगे।’