जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में प्रतिबंधों के बावजूद मोहर्रम जुलूस निकाल रहे लोगों को हटाने के लिए प्रशासन को पुलिस ने बल का प्रयोग करना पड़ा। इस कार्रवाई में 20 लोग घायल हो गए। दरअसल, शनिवार को बेमिना इलाके में 9वें मोहर्रम के अवसर पर शिया समुदाय के लोगों द्वारा मर्सी की जा रही थी।
इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन का इस्तेमाल किया। जिसमें से लगभग 20 लोग पैलेट गन का निशाना बने। कई के चेहरों पर पैलेट गन के छर्रे लगे।
कश्मीर में प्रशासन ने श्रीनगर और बडगाम जिलों के कुछ हिस्सों में लोगों को मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए रविवार को पाबंदियां लगा दीं। अधिकारियों ने बताया कि इस शहर और बडगाम के कुछ हिस्सों में धारा 144 के तहत लोगों की आवाजाही एवं एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अधिकारियों के अनुसार लालचौक और जादीबाल क्षेत्रों में पाबंदियां लगायी गयी हैं ,फलस्वरूप इन क्षेत्रों में दुकानें एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और सड़कों पर सार्वजनिक वाहन नहीं चल रहे हैं , केवल निजी वाहन नजर आ रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अन्य क्षेत्रों में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
उनका कहना है कि मुहर्रम के दसवें दिन के मद्देनजर इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंदियां लगाई गई हैं।मुहर्रम के आठवें दिन इन क्षेत्रों में जुलूस गुजरती थीं लेकिन 1990 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से उस पर रोक लगा दी गयी। प्रशासन का कहना है कि इन कार्यक्रमों का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति के प्रसार में किया गया है।