पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को आरोपी बनाया है। इसके अलावा आरोपपत्र (चार्जशीट) में मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक, आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और पाकिस्तान से सक्रिय अन्य आतंकवादी कमांडर के नाम भी शामिल हैं।
ये सभी नाम अब तक गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों के अलावा शामिल किए गए हैं। एनआईए ने जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में पुलवामा आतंकी हमले की तस्वीरों और डिजिटल सबूतों के साथ 13,500 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया।
एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, एजेंसी ने अजहर, असगर, अल्वी, उनके मारे गए भतीजे फारूक, छह गिरफ्तार अभियुक्तों, और फरार आरोपी समीर डार के खिलाफ पुलवाहा आतंकी हमले के मामले में जम्मू की विशेष एनआईए अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
एनआईए ने कहा कि उसने दो पाकिस्तानी मोहम्मद कामरान और मोहम्मद इस्माइल उर्फ सैफुद्दीन का भी नाम भी जोड़ा है। ये दोनों आईईडी विशेषज्ञ हैं। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने आरोप पत्र में सभी आरोपियों के खिलाफ तगड़े सबूतों के साथ मजबूत केस बनाया है।
इसमें उनकी चैट, कॉल डिटेल्स आदि शामिल हैं जो हमले में उनकी भूमिका की पुष्टि करते हैं। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में आतंकवादी समूह के कई शीर्ष कमांडरों पर भी आरोप लगाए हैं। इन सबूतों से 14 फरवरी, 2019 के हमले में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी, जिसमें 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे।
एजेंसी ने जुलाई में जम्मू और कश्मीर के बडगाम निवासी 25 वर्षीय मोहम्मद इकबाल राथर को भी गिरफ्तार किया था। उस पर घुसपैठ कराने, जेईएम आतंकवादी और इस हमले के एक प्रमुख साजिशकर्ता मुहम्मद उमर फारूक की जम्मू में आवाजाही को सुविधाजनक बनाने का आरोप है।
आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए आईडी को फारूक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर इकट्ठा किया था। एनआईए ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि भारत में घुसपैठ करने वाला फारूक एक आईईडी विशेषज्ञ है। फारूक ने आत्मघाती हमलावर आदिल और फरार आतंकवादी समीर डार के साथ मिलकर आईईडी तैयार किया, जिसे मारुति कार में रखा गया था, जिसका इस्तेमाल आतंकी हमले में किया गया था।
चार्जशीट में नामजद अन्य पांच गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद अब्बास राथर, वैज-उल-इस्लाम, पिता-पुत्री तारिक अहमद शाह और इंशा जान जैश के कथित जमीनी कार्यकर्ता हैं। बता दें कि फरवरी, 2019 को हुए कायराना हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।