लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

Pulwama Terror Attack: सुबह की थी घरवालों से फ़ोन पर बात, शाम को आयी शहादत की खबर, मां-पत्नी सदमें में

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में दोपहर के 3 बजे सीआरपीएफ जवानों की गाडिय़ों पर आतंकी हमला हुआ है जिसमें 44 जवानों की मौत हो गई है।

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में दोपहर के 3 बजे सीआरपीएफ जवानों की गाडिय़ों पर आतंकी हमला हुआ है। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 37 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद जवानों में पंजाब के तरनतारन जिले के गंडीविंड धात्तल गांव के शहीद जवान सुखजिंदर सिंह के पिता गुरमेज सिंह को उनके बेटे की शहादत की खबर शाम 6 बजे दी। लगभग यह खबर हमले के पौने 3 घंटे बाद दी गई थी। बेटे की शहादत की खबर सुनकर सदमे में गुरमेज सिंह और उनकी पत्नी हरभजन कौर हैं।

2019 2img14 Feb 2019 PTI2 14 2019 000167B

सीआरपीएफ 2003 में ज्वाइन की थी, 8 महीने पहले ही हैड कांस्टेबल बने थे

शहीद सुखजिंदर सिंह का जन्म 12 जनवरी 1984 में हुआ था और वह 19 साल की उम्र में सीआरपीएफ शामिल हो गए थे। सुखजिंदर सिंह को हैड कांस्टेबल 8 महीने पहले ही बनाया था। सुखजिंदर सिंह ही अपने पूरे परिवार में कामने वाले शख्स थे उनकी ही कमार्ई से पूरे घर का खर्च चलता था। जंटा सिंह शहीद सुखजिंदर सिंह के बड़े भाई हैं उन्होंने बात करते हुए कहा कि सुखजिंदर से उनकी गुरुवार सुबह 10 बजे फोन पर बात हुई थी उन्होंने सबका हाल-चाल पूछा था।

pulwama terror attack martyred story tarantaran panjab 03 021519120855

इसके अलावा सुखजिंदर ने अपने भाई से पूछा कि वह उनकी पत्नी सर्बजीत कौर को मायके छोड़ आए हैं या नहीं? आखिरी में सुखजिंदर ने अपने घरवालों को बताया था कि वह सबके साथ कश्मीर जा रहे हैं और वह शाम को घर पर फोन करेंगे। लेकिन शाम 6 बजे फोन आया पर वह उनकी शहादत की खबर देने के लिए आया था।

मन्नतों से बेटा 7 साल बाद पैदा हुआ, पिता का साथ 7 महीने तक ही मिला

जंटा सिंह ने बताया, सुखजिंदर सिंह ने 2003 में सीआरपीएपफ ज्वाइन की थी और उनकी शादी सर्बजीत कौर से साल 2010 में हुई थी। लेकिन सर्बजीत और सुखजिंदर के घर पहली संतान बहुत सालों बाद हुई थी। कई जगह मन्नतें मांगी थीं जब जाकर उनके घर 7 साल बाद 2018 में बेटा हुआ था। सुखजिंदर ने अपने बेटे का नाम गुरजोत सिंह रखा।

phpThumb generated thumbnail 1

हालांकि बेटा गुरजोत सिंह के सिर्फ पर पिता का साया सिर्फ 7 महीने तक रहा और गुरुवार को उनकी मौत हो गई। भाई जंटा सिंह ने आगे कहा कि पूरे परिवार ने गुरुवार रात तक भी उनकी पत्नी सर्बजीत कौर को सुखजिंदर सिंह की मौत की खबर नहीं बताई है। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि सर्बजीत को यह खबर कैसे बताएं।

सुखजिंदर रिटायरमेंट के बाद विदेश में रहना चाहते थे

जंटा सिंह ने कहा, सुखजिंदर सिंह जब भी छुट्टी पर घर आते थे तो वह पूरे परिवार वालों के लिए तोफे लाते थे। सुखजिंदर सिंह हमेशा कहते थे कि 20 साल की नौकरी के बाद वह प्री-मेच्योर रिटायमेंट ले लेंगे और अपने बेटी-पत्नी के साथ विदेश चले जाएंग और वहीं जाकर सेटल हो जाएंगे।

pulwama terror attack martyred story tarantaran panjab 02 021519120855

 

1 महीने की छुट्टी काटकर 28 जनवरी को वापस गए थे

कश्मीर में 6 महीने पहले ही सुखजिंदर सिंह की पोस्टिंग हुई थी। उनकी पोस्टिंग कश्मीर से पहले अलीगढ़ में थी। हाल ही में वह 1 महीने की छुट्टी बीताकर वह 28 जनवरी को वापस अपनी नौकरी पर गए थे। जब वह जा रहे थे तो वादा करके आए थे कि वह 4 महीने बार छुट्टी लेकर घर आएंगे। लेकिन इससे पहले उनकी शहादत की खबर आ गई।

pulwama terror attack martyred story tarantaran panjab 06 021519120855

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven − 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।