कोटा के लाल हेमराज ने जिस वर्दी को पहन कर अपनी मातृभूमि की रक्षा करने की कसम खाई थी आज वह उसी वर्दी को पहने शहीद हो गए। बमों और गोलियों की भयानक बौछार के बाद भी जवानों ने अपने कदम पीछे खींचना तो दूर उनके पैर तो जरा लडखडाए तक भी नहीं।
वहीं हजारों किमी दूर बैठी शहीद की पत्नी मधु को हौसला हेमराज से भी कई गुणा मजबूत निकला। पत्नी का हौसला इंतना ज्यादा बुलंद था कि उन्हें अपने पति की शहीद होने की खबर मिलने के बावजूद भी माधु ने सिर्फ अपने बेटे और बुजुर्ग पिता के लिए रात भर अपनी मांग का सिंदूर नहीं पोछा वो सिर्फ इसलिए क्योंकि पिता को कहीं सदमा न लग जाए।
शहीद हुए हेमराज के बड़े भाई रामविलास मीणा ने बताया कि सीआरपीएफ के जम्मू कैंप से रात को करीब दस बजे मधु के पास उनके पति हेमराज के शहीद होने की खबर आई। रात काफी हो चुकी थी और बच्चे का भी सोने का समय था। ऐसी स्थिति में भी मधु ने गजब का हौसला रखते हुए किसी को जाहिर तक नहीं होने दिया की कुछ हुआ भी है। मधु ने ये बात सिर्फ रामविलास मीणा को गांव में बुला कर बताई थी।
शहीद हुए हेमराज के बड़े भाई रामविलास मीणा का कहना है ऐसे में खुद मैं मधु की हिम्मत देखकर दंग रह गया और इसके बाद मेरी भी बुजुर्ग पिता या किसी ओर को इस बात की जानकारी देने की हिम्मत नहीं हुई। हालांकि जैसे-जैसे लोगों को पता चलता गया वह खुद घर की ओर दौड़ रहे थे।
छोटा बेटा है छह साल का
राम विलास ने आगे कहा कि पाकिस्तान की इस नीच हरकत की वजह से ना सिर्फ उनका भाई छिना है बल्कि चार मासूम बच्चों के सिर से उनके पिता का साया तक छिन गया है। हेमराज की सबसे बड़ी बेटी रीना की उम्र अभी महज 17 साल है और वह कॉलेज की प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। छोटी बेटी टीना 15 साल है जो नौवी कक्षा में है। बड़ा बेटा अजय 13 साल का है तो पांचवीं क्लास में हैं और सबसे छोटा बेटा ऋषभ जिसने पिछले साल ही स्कूल में जाना शुरू किया है। हेमराज के पिता हरदयाल मीणा काफी बुजुर्ग हैं।
हेमराज पढ़ाई में थे तेज
शहीद हमेराज के बड़े भाई रामविलास मीणा ने बताया कि वह पढ़ाई में होशियार थे। गांव में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद रोलाना और सांगोद में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उच्च शिक्षा लेने के बाद वह बाहर चले गए। जहां उनका चयन सीआरपीएफ में हो गया। राम विलास ने ये भी बताया की जुलाई 2018 में हेमराज का जन्मदिन पूरे परिवार ने बड़ी धूमधाम से मनाया था।