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राजनाथ सिंह बोले- उम्मीद है, पाकिस्तान बदलेगा अपना रवैया

राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान की अपनी प्रकृति है और उसे हम बदल नहीं सकते। अपनी प्रकृति में बदलाव के लिए पाकिस्तान जो कर सकता है, वह उसे खुद करना होगा।

पाकिस्तान की सीमा से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दो ‘स्मार्ट फेंसिंग’ परियोजना को लांच करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उम्मीद जताई कि इस्लामाबाद में नई सरकार भारत के प्रति रवैये में बदलाव लाएगी।

सिंह से पूछा गया कि क्या वह इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद वहां के रवैये में कोई बदलाव की उम्मीद करते हैं, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान की प्रकृति में कोई बदलाव आएगा। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि बदलाव आए। मैं उम्मीद करता हूं कि यह बदलाव पहले से बेहतर हो।’

वह कंपरेहेंसिव इंटीग्रेटेड बार्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) के अंतर्गत सीमा पर बाड़ लगाने की दो ‘स्मार्ट’ परियोजनाओं को लांच करने के बाद पलौरा में बीएसएफ मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान की अपनी प्रकृति है और उसे हम बदल नहीं सकते। अपनी प्रकृति में बदलाव के लिए पाकिस्तान जो कर सकता है, वह उसे खुद करना होगा। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि पड़ोसियों के साथ कैसे व्यवहार करे।’

उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखने के लिए अधिकतम प्रयास किए हैं। गृह मंत्री ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल संबंध बेहतर करने के लिए ही प्रोटोकोल तोड़कर पाकिस्तान गए थे। अगर पाकिस्तान उस प्रयास के बाद भी समझने की कोशिश नहीं कर रहा है तो क्या किया जा सकता है।’

लोकतंत्र में सबको आजादी, लेकिन देश तोड़ने की आजादी नहीं : राजनाथ सिंह

दोनों सीआईबीएमएस परियोजना जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास 5.5 किलोमीटर के विस्तार को कवर करती है। यह अपने तरह की पहली उच्च प्रौद्योगिकी वाली निगरानी प्रणाली है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके समुचित कार्यप्रणाली की निगरानी करने के बाद नई बाड़ों को 2,026 किलोमीटर के अतिसंवेदनशील सीमा क्षेत्र में लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, सीमा की रक्षा करने वाले जवानों के हताहतों की संख्या को कम करने के साथ सीमा पर कई घंटों की ड्यूटी के दौरान तनाव कम करने का मौका प्रदान करेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी को जोड़ने से एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बैरियर पैदा होगा, जो भूमि, जल और वायु व भूमिगत क्षेत्र में बीएसएफ को घुसपैठ की पहचान व उसे विफल करने में मदद करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह जवानों के गश्त पर निर्भरता को भी कम करेगा।

उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इजरायल की यात्रा की तो वहां यह प्रणाली देखी और उसके बाद तत्काल हमने इस प्रणाली पर काम करना शुरू किया। जानकारी के आधार पर, प्रणाली फूलप्रूफ है। मैंने यहां ऐसी दो परियोजनाओं को लांच किया है। हम असम में ऐसे ही 60 किलोमीटर की पायलट परियोजना को लांच करेंगे।’

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘चाहे यह नक्सल हिंसा हो या जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद हो, हमारे सुरक्षा बल इसके साथ प्रभावी तरीके से निपट रहे हैं। सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस इन क्षेत्रों में समन्वय के साथ काम कर रही हैं।’

नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नगर निगम और पंचायत चुनाव को बहिष्कार करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं इन पार्टियों से इन चुनावों में शामिल होने की अपील करता हूं क्योंकि लोगों से सीधे संपर्क स्थापित करने का केवल यही तरीका है।’

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