केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सरहद की निगरानी के लिए दो ‘स्मार्ट फेंसिंग’ परियोजना के उद्घाटन के लिए सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पहुंच गए। इन परियोजनाओं को कम्प्रेहेंसिव इंटीग्रेटिड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया।
राजनाथ सिंह जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास अग्रिम क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे। राजनाथ ने रवाना होने से पहले ट्वीट कर कहा,’जम्मू के एक दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो रहा हूं। सीआईबीएमएस के तहत जम्मू सेक्टर में दो पायलट परियोजना का उद्घाटन और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट की अग्रिम इलाकों का दौरा करूंगा।’
Leaving for Jammu on a day long visit. Shall inaugurate two pilot projects under Comprehensive Integrated Border Management System (CIBMS) in Jammu sector and also visit the forward areas near the International Border.
— राजनाथ सिंह (@rajnathsingh) September 17, 2018
इन स्मार्ट फेंसिंग परियोजनाओं को जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 5.5 किलोमीटर क्षेत्र में तैयार गया है। यह अपनी तरह की पहली हाईटेक निगरानी प्रणाली होगी, जो जमीन, पानी, हवा और भूमिगत स्तर पर एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक दीवार का काम करेगी, जिससे सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवानों को अत्यधिक दुर्गम क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
सीआईबीएमएस के तहत अत्याधुनिक सर्विलांस टेक्नोलॉजी, थर्मल इमेजर्स, इन्फ्रारेड और लेजर आधारित घुसैपठ अलार्म हैं, जो एक अदृश्य जमीनी चारदीवारी की तरह काम करेंगे। हवाई निगरानी के लिए एयरोस्टेट, सुरंगों के जरिए घुसपैठ का पता लगाने में मदद के लिए ग्राउंड सेंसर, पानी के रास्ते सेंसर युक्त सोनार सिस्टम, जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सेंसर हैं।
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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम सीमा प्रबंधन प्रणाली को ज्यादा मजबूत बनाता है, जो मानव संसाधन के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी को जोड़कर काम करेगा। अधिकारी ने कहा,’इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम पर आधारित यह आभासी बाड़ भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी।’
अधिकारी ने कहा कि सीआईबीएमएस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुर्गम क्षेत्रों और रिवराइन सीमाओं पर जवानों की गैरमौजूदगी में यह घुसपैठ को रोकने में मदद करेगी।