जम्मू कश्मीर में राज्य विधानसभा के भंग होने के बाद बीजेपी नेता राम माधव का कहना है कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सीमा पार से मिले इशारे के बाद पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लिया। अब ऐसा लगता है कि उन्हें सीमापार से सरकार बनाने के निर्देश मिले उसके बाद दो धुर विरोधी एक दूसरे के साथ गलबहियां करते हुए सरकार बनाने की कवायद शुरू की। उन्होंने जो भी किया था उसका केवल राज्यपाल जवाब दे सकता है कि फैक्स क्यों काम नहीं कर रहा है।
महबूबा मुफ्ती के फैक्स न मिलने के सवाल पर राम माधव ने कहा कि इस सवाल का जवाब राजभवन ही दे सकता है। लेकिन ये महबूबा मुफ्ती की तरफ से बचकाना बयान है कि फैक्स रिसीव नहीं हुआ है। अपने पत्र में उन्होंने कभी दावा नहीं किया कि वो सरकार बनाएंगी। हकीकत में उन्होंने कहा था कि वो राजभवन जाएंगी और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। लेकिन यह मैडम मेहबूबा के हिस्से पर लंगड़ा बहाना है।
पत्र में उसने कभी दावा नहीं किया कि वह सरकार का गठन करेगी, उसने कहा कि मैं आऊंगा और आपको देखूंगा और दावा खड़ा करूँगा। यह सब नाटक था। राम माधव ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के भंग पर कहा, ”पीडीपी और एनसी ने पिछले महीने स्थानीय निकाय चुनाव का बहिष्कार किया क्योंकि उनके पास सीमा पार से निर्देश थे। शायद उनके पास सीमा पार से ताजा निर्देश थे और सरकार बनाने के लिए।”
इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेता और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा था कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पाकिस्तान के इशारे पर राज्य में सरकार गठन करने के लिए हाथ मिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के मद्देनजर ये तीनों पार्टियां सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान के निदेर्श पर हाथ मिला रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष रहे और बाद में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान उपमुख्यमंत्री रहे गुप्ता ने कहा कि इन तीनों पार्टियों को साथ आने के लिए कहने का निर्णय दुबई में हुई एक बैठक में लिया गया।