केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से वहां के हालातों को लेकर देश-विदेश की नजरें गड़ी हुई है। घाटी के हालातों को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा है कि घाटी में शुक्रवार को राज्य सरकार के कार्यालयों में सामान्य ढंग से कामकाज हुआ जबकि स्कूल अगले सप्ताह फिर खुलेंगे।
सुब्रमण्यम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पांच अगस्त को जब पाबंदियां लगाई गई, तब से कोई जनहानि नहीं हुई। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निरस्त कर दिया गया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि राज्य के 12 जिलों में सामान्य रूप से कामकाज हो रहा है जबकि मात्र पांच जिलों में भी सीमित पाबंदियां ही हैं।
उन्होंने कहा, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पाबंदियों में ढील दी जा रही है। साथ ही सोमवार से श्रीनगर में सभी दफ्तर और स्कूल भी सामान्य रूप खुल जाएंगे। टेलीफोन लाइन धीरे-धीरे खोली जाएंगीं। रविवार को कुछ इलाकों में टेलीफोन खुल जाएंगे। हालांकि, इंटरनेट सेवा को अभी बहाल करने पर फैसला नहीं हुआ है।
मुख्य सचिव ने कहा, 22 में से 12 जिले सामान्य रूप से 5 जिलों में कुछ सीमित प्रतिबंधों के साथ काम कर रहे हैं। जगह-जगह किए गए उपायों से यह सुनिश्चित हो गया है कि जीवन का एक भी नुकसान नहीं हुआ है। निवारक निरोधों की समीक्षा की जा रही है और कानून और व्यवस्था के आकलन के आधार पर उचित निर्णय किए जाएंगे।
सरकार का ध्यान सामान्य स्थिति में जल्द से जल्द वापसी पर है, यह सुनिश्चित करते हुए कि आतंकवादी ताकतों को अतीत में कहर बरपाने का कोई मौका नहीं दिया जाता है। मुख्य सचिव सुब्रमण्यम ने कहा कि हमारी कोशिश इस बात की है कि किस तरह जल्द से जल्द घाटी में हालात सामान्य हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि घाटी में हिज्बुल, लश्कर और कुछ अलग-अलग संगठन आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। हमें ऐसी खुफिया जानकारी मिली है कि ये आतंकवादी संगठन आतंकवादी हमले की तैयारी में है।