मीरवाइज उमर फारूख की अगुवाई वाली उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शनिवार को उन रिपोर्ट को “आधारहीन” बताया, जिनमें कहा गया कि उनके अध्यक्ष ने अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक बॉन्ड पर दस्तखत किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा था कि मीरवाइज उन सात लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद हिरासत में लिया गया था, और जिन्होंने अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए बॉन्ड पर दस्तखत किए।
हुर्रियत ने यहां एक बयान में कहा, “सूत्रों के हवाले से कुछ समाचार पत्रों में खबर छपी है कि हुर्रियत अध्यक्ष को एक बॉन्ड पर दस्तखत करने के बाद रिहा कर दिया गया है, जो पूरी तरह आधारहीन है।”
बयान में कहा गया कि मीरवाइज पांच अगस्त से लगातार अपने घर में नजरबंद हैं, और लोगों तथा संचार साधनों तक उनकी पहुंच “अत्यधिक सीमित” है।
हुर्रियत ने कहा, “संगठन जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अपने सैद्धान्तिक रूख पर अडिग है और इन अप्रत्याशित हालत में लोगों के साथ खड़ा है।”
भाषा