कश्मीर घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अलगाववादियों की अपील के मद्देनजर प्रशासन की ओर से पिछले दो दिनों से लगायी गयी कफ्र्यू जैसी पाबंदिया आज हटा ली गयीं।
चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में जुम्मे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर के पुराने इलाके और शहर-ए-खास के अलावा सिविल लाइंस के कुछ हिस्सों में एहतियात के तौर पर शुक्रवार की सुबह से पाबंदियां लागू की गयी थीं। गत दो माह के दौरान चोटी काटने की 150 से अधिक घटनाओं को रोकने में सरकार और पुलिस की विफलता के विरोध में अलगाववादियों ने शनिवार को हड़ताल भी आहूत किया।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूख के मजबूत गढ़ ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के मुख्य द्वारा आज सुबह खोल दिए गए। मस्जिद पिछले दो दिनों से बंद था। पाबंदियों के कारण ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में लगातार तीसरे हफ्ते जुम्मे की नमाज अदा नहीं की जा सकी।
पुलिस ने बताया कि शहर के किसी भी हिस्से में पाबंदी लागू नहीं है। एहतियात के तौर पर आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत एम आर गंज, नौहट्टा, खानयार, सफा कदल और रैनावाड़ी के अलावा शहर-ए-खास और पुराने इलाकों में शुक्रवार की सुबह पाबंदियां लगा दी गयी थीं। इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) के गढ़ मैसूमा और क्रालखुद में भी उसी दिन सुबह से ऐसी ही पाबंदियां लगा दी गई थीं। पाबंदियां हटाये जाने के बाद से सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुल गए।
पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा कंटीली तारें तथा सभी प्रकार के जाम हटा लिए जाने के बाद सभी मार्गों पर वाहनों का अवागमन जारी था। गौरतलब है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों के अलावा सभी अलगाववादी संगठनों ने लोगों से जुम्मे की नमाज के बाद चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की थी। कश्मीर घाटी में अब तक 150 से अधिक महिलाओं की चोटी काटने की घटनाएं सामने आने के बाद लोगों में डर व्याप्त है।